ब्राह्मण पुजारियों का आना मना है – इटावा कांड पर क्या बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ?

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ब्राह्मण पुजारियों का आना मना है

ओबीसी (यादव) कथावाचक के साथ बुरा व्यवहार करने पर कई जगह गांव में बिजली के कई सारे पोल पर भी ब्राह्मणों के विरोध में संदेश लिखा गया है, जबकि कई ग्रामीणों ने अपने घर के बाहर ऐसे बोर्ड लगा रखे हैं.

गयाजी/ बिहार:
“इस गांव में ब्राह्मणों का पूजा-पाठ कराना सख्‍त मना है! पकड़े जाने पर दंड के भागी होंगे.” बिहार के मोतिहारी जिले के एक गांव में आप प्रवेश करेंगे तो जगह-जगह ब्राह्मण पुजारियों के खिलाफ ऐसा संदेश लिखा नजर आएगा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक कथावाचक के साथ हुई घटना के बाद ग्रामीणों ने गांव में जगह-जगह ऐसे संदेश लिख रख हैं. ग्रामीण इसे विरोध का तरीका बता रहे हैं. उनका कहना है कि वे ऐसे ब्राह्मणों का विरोध कर रहे हैं, जिन्हें वेद का ज्ञान नहीं है और जो मांस-मदिरा का सेवन करते हैं.

इटावा कांड पर क्या बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ?

इटावा में एक ओबीसी (यादव) कथावाचक के साथ हुए अभद्र व्‍यवहार के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. मोतिहारी जिले के आदापुर के टिकुलिया गांव में लोगों ने ब्राह्मण पुजारी के विरोध का निर्णय लिया है.

गांव में नहीं जा रहे ब्राह्मण!
मोतिहारी जिले का ये गांव ओबीसी और ईबीसी बाहुल्‍य है. यानी यहां ज्‍यादातर लोग पिछड़ी और अति‍ पिछड़ी जाति के हैं. ब्राह्मण आबादी इस गांव में नहीं रहती. हालांकि आसपास में कई ऐसे गांव में जहां ब्राह्मण आबादी रहती है. ग्रामीणों का कहना है कि वे सारे ब्राह्मणों का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिन्‍हें वेद आदि का ज्ञान नहीं हैं, उनसे पूजा-पाठ नहीं करवाना चाहते. विरोध में बोर्ड लगाए जाने के बाद से इस गांव में ब्राह्मणों का आना बंद है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से वेद और कथा का ज्ञान होने के बावजूद इटावा में कथावाचक का अपमान किया गया, वे इसका विरोध करते हैं.

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